The Kajli Teej festivities begin with a ceremonial procession wherein the goddess is carried in a beautifully decorated palanquin. One can enjoy the procession since it moves from the picturesque site of Naval Sagar. Females are seen dressed up in new traditional attires. They put traditional henna designs on hand and wear colorful bangles which make the whole celebration appear even more vibrant. Swings are laid down in the gardens and fairs are held where women folk sing traditional songs while swinging. Women and girls perform the sacred ritual of the 'neem puja' by gathering around the holy neem tree.
कजरी तीज, जिसे कजली तीज भी कहा जाता है, भादो मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। कजरी तीज खासतौर से औरतों का पर्व है। यह त्यौहार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार समेत हिंदी भाषी क्षेत्रों में प्रमुखता से मनाया जाता है। इनमें से कई इलाकों में कजरी तीज को बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली तीज, हरतालिका तीज की तरह कजरी तीज भी सुहागन महिलाओं के लिए अहम पर्व है। वैवाहिक जीवन की सुख और समृद्धि के लिए इस व्रत के साथ यदि कुछ उपाय भी किये जाये, तो सौभाग्य सदा बना रहता है| पति पत्नी का प्रेम परस्पर बना रहता है,तो आइये जाने इस कजली तीज पर आप किस प्रकार के उपाय ककर सकते हैं| इन उपायों को हमसे साझा करेंगे आचार्य अजय द्विवेदी जी.